गंगा के उफान पर वाराणसी: घाटों और मंदिरों पर मंडराता खतरा
वाराणसी में गंगा बाढ़ की तस्वीरें हर दिन बदल रही हैं। 17 जुलाई 2025 को गंगा का जलस्तर 68.94 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 71.262 मीटर से सिर्फ 2.3 मीटर नीचे है। यह बढ़ोतरी लगातार बारिश की वजह से हो रही है, और पानी हर घंटे 10 मिलीमीटर की दर से ऊँचा हो रहा है।
सबसे पहले असर घाटों पर दिखा। अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट समेत कई प्रमुख घाट अब पानी में समा गए हैं। शीतला माता मंदिर तक पानी पहुँच चुका है और वहाँ की दीवारें भी जल में डूबने लगी हैं। पुलिस चौकियों की सीढ़ियाँ भी अब नजर नहीं आ रहीं। प्रशासनिक अफसरों ने गंगा आरती के आयोजन के लिए नावों की आवाजाही बंद करवा दी है। अब पवित्र आरती का आयोजन घाट की सीढ़ियों पर सीमित तरीके से किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं और पंडों को कोई खतरा न हो।
मौजूदा हालात में रोजमर्रा की जिंदगी भी बुरी तरह प्रभावित है। गंगा किनारे बसे वाराणसी के पुराने मोहल्लों की गलियाँ पानी से भर गई हैं। सड़कें कीचड़ और बहते पानी से लबालब हो गई हैं, जिसमें पैदल चलना मुश्किल है। इलाकों में बिजली सप्लाई पर असर पड़ता दिख रहा है।
राहत के इंतजाम और प्रभावित इलाकों का हाल
हालात संभालने के लिए प्रशासन ने राहत का बंदोबस्त तेज कर दिया है। वाराणसी में 46 राहत शिविर लगाए गए हैं, जहाँ बाढ़ प्रभावित लोग शरण ले रहे हैं। इन शिविरों में भोजन, पानी, आवश्यक दवाएँ और बच्चों के लिए दूध का प्रबंध किया गया है। पानी की निगरानी के लिए कई जगहों पर पुलिस के अतिरिक्त जवान तैनात हैं।
वाराणसी ही नहीं, आसपास के जिलों में भी तस्वीर कुछ ऐसी ही है। संभल में गंगा 177.60 मीटर तक पहुँच चुकी है, वहाँ 16 फ्लड कंट्रोल पोस्ट बनाए गए हैं। प्रयागराज के रामघाट और बड़े हनुमान मंदिर में भी पानी घुस चुका है। शहर के पुराने इलाकों तक बाढ़ का पानी फैल गया है। कई जगह लोग अपने कीमती सामान को छत पर रखने और बच्चों को उँचे स्थानों पर भेजने को मजबूर हैं।
खास बात ये है कि गंगा में बाढ़ के साथ-साथ वरुणा नदी भी उल्टा बहने लगी है। इसकी वजह से निचले इलाकों में पानी का बहाव बढ़ गया है। स्थानीय निवासी लखन कुमार साहनी बताते हैं कि घाटों पर हर साल ऐसे मंज़र देखने मिलते हैं, लेकिन इस बार पानी का बहाव कुछ ज्यादा ही तेज है और पानी का स्तर अनोखे तरीके से बढ़ रहा है।
प्रशासनिक अफसर, जैसे उपजिलाधिकारी अमित कुमार व जल पुलिस निरीक्षक राजकिशोर पांडे evacuation और पूजा की व्यवस्थाओं की पुष्टि कर चुके हैं। रेस्क्यू बोट्स के साथ-साथ पुलिस के जवान संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं। बाढ़ से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया जा रहा है।
बारिश की रफ्तार अभी धीमी नहीं पड़ी है, ऐसे में सामान्य जन-जीवन पूरी तरह राहत शिविरों और प्रशासन के इंतजामों पर टिका है। आने वाले दिनों में जलस्तर कम होने की उम्मीद कम ही दिख रही है, जिससे स्थानीय लोगों की चिंता और बढ़ गई है।