शोध में सामने आया है कि स्किजोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों का दिमाग उम्र से 3-8 साल अधिक बूढ़ा दिखता है। यह अंतर MRI व बायोमार्कर जाँच में पाया गया। इससे न सिर्फ उम्र घटती है बल्कि अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है। खराब लाइफस्टाइल और दूसरी बीमारियाँ भी दिमागी उम्र बढ़ाने में भूमिका निभाती हैं।