क्या आप इस बार के लोकसभा चुनाव को लेकर उत्साहित या थोड़ा घबराए हुए हैं? यही समय है जब हर सवाल का जवाब मिलना चाहिए। हम यहां आपको सबसे ज़रूरी जानकारी, प्रमुख पार्टियों की रणनीति और मतदान के आसान टिप्स देंगे ताकि आप अपने वोट से सही बदलाव ला सकें।
भाजपा, कांग्रेस, एड़ीएफ, बामिनी आदि सभी ने इस बार अपनी‑अपनी मोर्चा तैयार कर ली है। भाजपा ने विकास और सुरक्षा को मुख्य मुद्दे बनाया है, जबकि कांग्रेस किसान समस्याओं और बेरोज़गारी पर ध्यान दे रही है। एड़ीएफ ने युवा वोटर को आकर्षित करने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल बढ़ाया है। बामिनी ने महिलाओं की सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास को प्रमुख एजेंडा बताया है।
उम्मीदवारों के प्रोफ़ाइल भी बहुत दिलचस्प हैं—कुछ अनुभवी नेता फिर से लड़ेगा, तो कुछ नई चेहरा लेकर आएंगे जो स्थानीय मुद्दों पर गहरी पकड़ रखते हैं। अक्सर चुनावी सर्वे दिखाते हैं कि युवा वोटर अब केवल वादों नहीं सुनते, बल्कि वास्तविक कार्य योजना देखना चाहते हैं। इसलिए हर पार्टी ने अपने प्रचार में ठोस योजनाओं को प्रमुखता दी है।
वोट डालने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपका नाम वोटर लिस्ट में सही लिखा है। अगर आप पहली बार जा रहे हैं, तो अपने आधार कार्ड या पैन कार्ड की एक कॉपी साथ रखें—इसे एलेकट्रॉनिक वॉटिंग मशीन (EVM) पर दिखाना पड़ता है।
बैलट बॉक्स के पास जल्दी पहुँचें, ताकि लंबी लाइन से बचा जा सके। यदि कोई बाधा आती है या आपका वोट नहीं गिना जाता, तो तुरंत अधिकारी को बताएं और शिकायत लिखवाएं। याद रखें, एक वोट भी मायने रखता है—कई बार छोटे अंतर से ही जीत तय होती है।
घर में अगर किसी को मतदान के लिए मदद चाहिए, जैसे बुजुर्ग या दिव्यांग, तो उन्हें साथ लेकर जाएँ। आप अपने घर का पावर ऑफ़ अटर्नी (POA) बनाकर भी वोट दे सकते हैं, पर इसके लिये पहले से फॉर्म भरना पड़ेगा।
भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है—अगर किसी ने आपको पैसा या उपहार देने की कोशिश की तो तुरंत रिपोर्ट करें। चुनाव आयोग ने इस बात को बहुत गंभीरता से लिया है और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करता है।
अंत में, वोट डालने के बाद अपने मित्रों और परिवार के साथ चर्चा करना न भूलें। आपका अनुभव दूसरों को सही निर्णय लेने में मदद करेगा। यही लोकतंत्र की असली शक्ति है—सचेत और जागरूक नागरिक बनना।
अमेठी लोकसभा सीट से हारने के बाद, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को उनकी निष्ठा और समर्पण के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पिछले पांच वर्षों में लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए सराहा। चुनाव आयोग के मुताबिक, कांग्रेस के उम्मीदवार केएल शर्मा ने स्मृति ईरानी को लगभग 1,66,022 वोटों से हराया।
2024 के पश्चिम बंगाल लोकसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टीएमसी मुख्य मुकाबले में हैं। टीएमसी 'माँ, माटी, मानुष' के नारे के साथ अकेले लड़ रही है, जबकि बीजेपी भी अकेले मुकाबले में है।
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 2014 के बाद से बीजेपी के खिलाफ विपक्ष द्वारा गंवाए गए तीन महत्वपूर्ण अवसरों की पहचान की है, जिससे लोकसभा चुनावों के परिणाम पर काफी असर पड़ सकता था। किशोर ने भविष्यवाणी की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनावों में फिर से सत्ता में वापस आएगी।