दिमागी बीमारियों की पूरी जानकारी – लक्षण, कारण और मदद

क्या आप या आपका कोई दोस्त कभी अनजाने में उदास, चिड़चिड़ा या थका हुआ महसूस करता है? अक्सर हम इसे सिर्फ मूड स्विंग समझ देते हैं, लेकिन कभी‑कभी ये दिमागी बीमारी के संकेत होते हैं। इस लेख में मैं आपको बताऊँगा कि कौन‑से लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए, कारण क्या हो सकते हैं और कब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।

सामान्य दिमागी रोग कौन से हैं?

सबसे आम दिमागी समस्याएँ हैं – डिप्रेशन (उदासी), एंग्जायटी (चिंता) और बाइपोलर डिसऑर्डर (मूड स्विंग)। इनके अलावा सिज़ोफ़्रीनिया, ओब्सेसिव‑कम्पलसिव डिसऑर्डर (OCD) और पैनिक अटैक भी अक्सर सुनते हैं। इन रोगों के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, पर कुछ सामान्य संकेत होते हैं:

  • लगातार थका हुआ या ऊर्जा की कमी महसूस होना
  • सोने‑जागने में गड़बड़ी, नींद नहीं आती या बहुत ज़्यादा सोना
  • छोटी‑छोटी बातों पर आसानी से गुस्सा आ जाना
  • किसी काम में रुचि खो देना और खुद को अलग-थलग महसूस करना
  • बिना कारण डर लगना या अनजाने में पसीने आ जाना

यदि इन संकेतों में से दो‑तीन लगातार एक महीने से ज्यादा दिखें, तो यह समय है कि आप और आपके परिजनों को गहराई से देखें।

कब करें डॉक्टर से मिलना?

सबसे आसान नियम – जब भी ये लक्षण रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बाधा बनने लगें, तब पेशेवर मदद लेनी चाहिए। अगर आपको या किसी को निम्नलिखित स्थिति दिखती है तो तुरंत संपर्क करें:

  • आत्महत्या के विचार या खुद‑को नुकसान पहुँचाने की इच्छा
  • हैलुसिनेशन (ऐसे आवाज़ें सुनना जो नहीं हैं) या भ्रम
  • अधिक शराब/ड्रग्स का सेवन और उससे जुड़ी समस्या
  • काम, पढ़ाई या रिश्तों में अचानक गिरावट आ जाना

आपके पास कई विकल्प हैं – मनोवैज्ञानिक (काउंसलर) से बात करना, साइकोथेरेपी शुरू करना या अगर दवा की जरूरत हो तो सायकीट्रिस्ट के पास जाना। शुरुआती कदम में अक्सर एक साधारण परामर्श ही काफी मददगार रहता है।

ध्यान रखें, दिमागी बीमारी कोई शर्म नहीं बल्कि स्वास्थ्य समस्या है जिसे इलाज किया जा सकता है। सही जानकारी और समय पर सहायता से आप या आपका प्रियजन फिर से खुशहाल जीवन जी सकते हैं। अगर अभी भी संदेह हो तो रॉयल खबरें में प्रकाशित विशेषज्ञ लेख पढ़ें – वहाँ कई आसान टिप्स और डॉक्टर की संपर्क सूची दी गई है।

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